एक कहानी सुनाऊँ ??
 
    सुनो....   है कोई ???  मैँ एक कहानी सुनाऊँ ??  मेरी कहानी,  मेरी अपनी कहानी.....   ये कहानी बहुत अच्छी तो नही है,  पर ये सच है इसमे कोई शक नही है,  मै ना एक बच्ची हुँ,  छोटी सी बच्ची,  मैँ बहुत प्यारी सी हुँ,  हाँ सच मेँ....!!!!!!   पता है,  जब मैँ पैदा हुई थी,  तो हमेशा अपनी माँ के पास रहती थी,  मेरी माँ बहुत अच्छी है,  हाँ !!! सच मेँ,  मुझे बहुत प्यार करती है....!!!   और जिस दिन पैदा हुई थी,  उस दिन मैने मम्मी का बहुत सारा दूधू पिया था,  मम्मी ने मुझे बहुत प्यार भी किया था....!!!      कुछ और लोग भी आये थे,  जो मुझे मम्मी के पास से खीँच कर ,  अपनी गोद मेँ बैठा रहे थे,  मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीँ लग रहा था,  पर उन्हेँ कोई मतलब नही,  वो लोग फिर भी बिना किसी हक के ही मुझपे अपना हक जता रहे थे.....   2 - 4 दिन बाद तो हद ही हो गयी,  मैँ दूधू पी रही थी,  अपने बाकी भाई - बहनो के साथ ,  अरे हाँ मैँ ये तो बताना भूल ही गयी ,  कि मेरे और भी भाई - बहन थे ,  पता है,  वो भी बहुत प्यारे - प्यारे थे,  एकदम सुन्दर - सुन्दर से,  बिल्कुल मेरे जैसे......!!!!!       हाँ तो मैँ क्या बोल रही थी,  अरे...