दिल मेरा प्यार करता बहुत है
तुम बार - बार पूछ्ती थी मुझसे, क्युँ हँसते बहुत हो ?? और मै नादान्, समझ लेता था कि तुम्हे अच्छा लगता है....!!! अच्छा होता कि जवाब दे देता मै तुमको, तो अब तुम्हारी इतनी कमी ना खलती मुझको, पर नही दिया, क्युँकि मै समझता था, कि तुम साथ नही छोडोगी मेरा, और फिर कभी बताउँगा, कि हँसता हूँ क्युँकि तुम्हारा साथ लगता अच्छा बहुत है.....!!! वैसे तो अब भी है मुझे इन्तजार तुम्हारा, कि तुम लौट्कर आओगी कभी, पहले कि तरह ही सीने से मेरे लिपट जाओगी अभी, पर भूल है मेरी जो, बेवकूफी मे बदलती बहुत है.....!!! हाँ अच्छा ही होगा, कि तुम फिर लौटकर ना आओ, अब हुनर भी नही रह गया वो, कि तुम्हे पहले कि तरह प्यार कर पाउँ, खुश रख पाउँ, क्युँकि बेवजह्, बेरहम होकर तेरा ठुकराना मुझे, खटकता बहुत है.....!!! वैसे तो अब भी तुम मेरी हि हो, पर सिर्फ मेरे लिये, तुम्हारे लिये तो अब तुम उस सँगदिल की हो, पर अब भी जेहन मे याद तुम्हारी रहती बहुत है, दिल है मेरा जो तुम्हे चाहता है अब भी बेपनाह्, पर क्या करुँ, दुनिया को तेरा वजूद मुझमे अखरता बहुत है....!!!!...