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LEARN TO SAY - " NO " ( in 4 simple steps )

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LEARN TO SAY -  " NO " ☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ In our daily life, we meet many people, we see different things and we face different kind of situations. If we notice ,  we will find that all of them are almost gifted with some unique quality. Actually that is their strength or sometimes it becomes their weakness also. In those people, very few you will find with the quality of , " how to say - no ".        Do you know ??????        In many situations of our daily routine we try to say - NO , or if i say that we are begging from ourself to say - No, but somehow or somewhat we are unable to use this particular word - NO.       At that situation we feel like hell, because we know better that if we will not deny it then obviouslly we ourself will suffer. Still we dont deny because we are forced by some of our self made boundations. Or you think that it will hurt to your friend or colleague to deny in harsh words. ...

भूरा मर गया

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ना जाने क्यूँ, आज सुबह हर रोज की तरह नही लग रही थी, वैसे तो सब कुछ था शायद , पर कुछ कमी सी लग रही थी.......!!! मैँ सोचने लगा, पर कुछ समझ नही आया, काफी देर बाद अचानक से कुछ ख्याल आया, मैँ तुरन्त उठा , और सीधा रसोई घर मेँ गया.......!!! और सच मे, कुछ बदला था, रोज की तरह आज वो मूँगफली के दाने खतम नही हुए थे, और ना ही कुतरे हुए बिस्कुटो के छोटे - छोटे टुकडे पडे हुए थे, बल्कि पूरे के पूरे बिस्कुट पडे हुए थे.....!!! मुझे लगा शायद वो कहीँ चला गया, मुझे दुख तो हुआ, पर उस छोटे से भूरे चूहे ने अपना घर बदला होगा, ऐसा सोच कर मैँ चुप हो गया.....!!! काफी देर तक मन मेँ आते हुए अजीब ख्यालो को मारकर मै उठा ही था, और ब्रश करने लगा, कि तभी, मुझे आवाज आयी मेरे छोटे से कुत्ते की.....!!!! मैँ अन्दर गया, देखा कि वो सिलिन्डर के पीछे खडी होकर भौक रही थी, मुझे देखते ही वो चुप हो गयी, अपने छोटे - छोटे पँजो से कुछ इशारा भी कर रही थी.....!!!  मैँ मानव भावना से ग्रस्त हुआ, किसी अनहोनी के होने के भय से गम्भीर हुआ, मैने मुँह धोये बिना ही उसक...

दिल मेरा प्यार करता बहुत है

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तुम बार - बार पूछ्ती थी मुझसे, क्युँ हँसते बहुत हो ?? और मै नादान्, समझ लेता था कि तुम्हे अच्छा लगता है....!!! अच्छा होता कि जवाब दे देता मै तुमको, तो अब तुम्हारी इतनी कमी ना खलती मुझको, पर नही दिया, क्युँकि मै समझता था, कि तुम साथ नही छोडोगी मेरा, और फिर कभी बताउँगा, कि हँसता हूँ क्युँकि तुम्हारा साथ लगता अच्छा बहुत है.....!!! वैसे तो अब भी है मुझे इन्तजार तुम्हारा, कि तुम लौट्कर  आओगी कभी, पहले कि तरह ही सीने से मेरे लिपट जाओगी अभी, पर भूल है मेरी जो, बेवकूफी मे बदलती बहुत है.....!!! हाँ अच्छा ही होगा, कि तुम फिर लौटकर ना आओ, अब हुनर भी नही रह गया वो, कि तुम्हे पहले कि तरह प्यार कर पाउँ, खुश रख पाउँ, क्युँकि बेवजह्, बेरहम होकर तेरा ठुकराना मुझे, खटकता बहुत है.....!!! वैसे तो अब भी तुम मेरी हि हो, पर सिर्फ मेरे लिये, तुम्हारे लिये तो अब तुम उस सँगदिल की हो, पर अब भी जेहन मे याद तुम्हारी रहती बहुत है, दिल है मेरा जो तुम्हे चाहता है अब भी बेपनाह्, पर क्या करुँ, दुनिया को तेरा वजूद मुझमे अखरता बहुत है....!!!!...

गर्दिश मे रहते हैँ

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हर किसी को परवाह है, जब अपने सितारे गर्दिश मे होते है, . किसी को परवाह नही उन सितारो की, . जो किसी ना किसी की वजह से, हमेशा ही गर्दिश मे रहते हैँ....!!!