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Showing posts with the label hindi poetry- about Hindi story - an experience

आवाज खुशी की

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अभी मैँ बस बाहर आकर बैठा ही था, कि रोज के शोर मे से अलग हटकर , कुछ अलग सी आवाजेँ मेरे कानो मे आयी, वैसे तो गली के उस शोर मेँ, हर आवाज खुशी की होती थी, क्युँकि आने वाली आवाजो मेँ अक्सर, वो आवाजेँ बच्चो की ही होती थीँ ......!!!! खैर जो भी हो, उन नयी आवाजो ने मेरा ध्यान अपनी तरफ खीँचा, मैने थोडा सा झुक कर नीचे देखा, और मन मे अजीब सी जीत की खुशी नजर आयी, ना जाने क्युँ ऐसा लगा कि कुछ मिल गया हो मुझे जिसकी तलाश थी मुझको.....!!! वो मोहल्ला जहान मैँ अभी अभी आया था, बहुत छोटा था, वैसे कहना तो गलत होगा, पर ये सच है कि यहाँ बहुत बडे लोग नही रहते हैँ, इनमे से ज्यादातर लोग ऐसे हैँ जो बस मेहनत मजदूरी करते हैँ, और अपने बच्चो का किसी तरह पेट भरते हैँ....!!! तो इसी तरह क घरो मे से एक घर जहाँ 5- 6 बच्चे हैँ, वो अक्सर दिख जाते हैँ मुझे  अपने किराये के मकान की छत पर बैठे हुए, बेशक मै उन्हे गौर से देखत हुँ, पर वो मुझे नही, क्युँकि वो काफी ध्यान से  गली मे खेलते हुए बाकी बच्चो को देखते रह्ते हैँ....!!! खास बात तो ये है, कि वो भी बच्चे ...

एक कहानी सुनाऊँ ??

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सुनो....  है कोई ??? मैँ एक कहानी सुनाऊँ ?? मेरी कहानी, मेरी अपनी कहानी..... ये कहानी बहुत अच्छी तो नही है, पर ये सच है इसमे कोई शक नही है, मै ना एक बच्ची हुँ, छोटी सी बच्ची, मैँ बहुत प्यारी सी हुँ, हाँ सच मेँ....!!!!!! पता है, जब मैँ पैदा हुई थी, तो हमेशा अपनी माँ के पास रहती थी, मेरी माँ बहुत अच्छी है, हाँ !!! सच मेँ, मुझे बहुत प्यार करती है....!!! और जिस दिन पैदा हुई थी, उस दिन मैने मम्मी का बहुत सारा दूधू पिया था, मम्मी ने मुझे बहुत प्यार भी किया था....!!! कुछ और लोग भी आये थे, जो मुझे मम्मी के पास से खीँच कर , अपनी गोद मेँ बैठा रहे थे, मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीँ लग रहा था, पर उन्हेँ कोई मतलब नही, वो लोग फिर भी बिना किसी हक के ही मुझपे अपना हक जता रहे थे..... 2 - 4 दिन बाद तो हद ही हो गयी, मैँ दूधू पी रही थी, अपने बाकी भाई - बहनो के साथ , अरे हाँ मैँ ये तो बताना भूल ही गयी , कि मेरे और भी भाई - बहन थे , पता है, वो भी बहुत प्यारे - प्यारे थे, एकदम सुन्दर - सुन्दर से, बिल्कुल मेरे जैसे......!!!!! हाँ तो मैँ क्या बोल रही थी, अरे...