Posts

Showing posts with the label society

मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ......!!

Image
कड़ी तपस्या में लीन हो मैं वो शक्ति पाना चाहता हूँ, खोल कर तीसरी आँख सारी दुनिया को मिटाना चाहता हूँ, मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.....१ ये धर्म के टण्टे ये जातियों का घटियापन, मानसिक मलीनता और सोच का छिछलापन, ये सारी की सारी  बुराइयां मिटाना चाहता हूँ मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.....२ ये सत्ता का मद ये विरोध का घिनौनापन, ये ताकत का घमण्ड और पदवी का विषैलापन, ये सारी की सारी दास्ताँ भुलाना चाहता हूँ मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ....३ ये अमीरों का रवैया गरीबों का शोषण, ये भूखी तड़पती गरीबी और बच्चों का कुपोषण, ये घटिया दृश्य मैं बिल्कुल भुलाना चाहता हूं मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.....४ ये झुठी सी भक्ति और हिंसा का प्रहार, ये कुटिल सी संस्क्रति और विक्षिप्त संस्कार, ये सारे के सारे मैं जड़ से मिटाना चाहता हूँ मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ....५ ये जलती हुयी आत्मायें और गिद्धों से नुचती हुयी लाशें, ये भूख से बिलखता बचपन और नशे में धुत्त बाप की फ़रमाइशें, मैं इन चीखते मंजरों का एक अंत पाना चाहता हूँ मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.......६ ...

ऐसा कैसा धर्म है ये ???

Image
मुझे बहुत हँसी आती है, जब कोई हिन्दु  देता है मुसल्मान को गाली, और मुसलमान जब बदला लेता है, हिन्दु की बेइज्जती करता, तो लोग हँसते हैँ बजा - बजा कर ताली....!!! गौर करने वाली बात तो ये है, कि हम वो लोग हैँ जो धर्म तो छोड ही दो, जाति और पहचान के नाम पर भी लडते हैँ....!!! हम इतने महान हैँ, कि एक हिन्दू होकर भी,  दूसरे हिन्दु को डसते हैँ......!!! कभी हम ब्राम्हड होने पर गर्व करते हैँ, तो कभी राजपूत होने का घमन्ड , कभी हम शूद्र कहलाते हैँ, तो कभी यदुवन्शी बनकर हो जाते हैँ प्रचन्ड्....!!!! अरे धिक्कार है हमपर , जो हम एक होकर भी कभी एक नही होते हैँ, आपस मे लड्ते रहते मरते रहते  है , और एक होने क! दिखावा करते हैँ....!!!! हममे से ही ना जाने कितने है, जो हिन्दुस्तानी ही नही होते हैँ, या तो वो बँगाली होते हैँ, कुछ पँजाबी होते हैँ, मराठी होता है कोई, तो कितने बिहारी होते हैँ......!!!!! कितनी विभिन्नतायेँ है हममे,  फिर भी हम खुद को एक कहते हैँ, शर्म नही आती हमको, कि हम दूसरे को बुरा, और खुद को नेक कहते...