मेरा पहला स्पर्श
इसलिए मुझे याद नहीँ,
लेकिन अभी समझ सकता हूँ
कि
वो तुम ही होगी
जिसका ममतामयी #स्पर्श
मुझे इस वीभत्स दुनिया में
कदम रखते ही
अबोध होने के कारण मुझे ज्ञात नहीँ
पर आज महसूस कर सकता हूँ
कि
तमाम तकलीफें सहने के बाद भी,
जब मैं
तुम्हारी गोद में आया होऊंगा,
तो तेरी हर तकलीफ भूलकर
हर सौहार्द से बढ़कर
निस्वार्थ हो तूने मुझे अपने दुलार और पुचकार के #स्पर्श से सहलाया होगा……!!
बेशक तुम खुद भूखी रह जाती होगी
लेकिन मुझको थोड़ी - थोड़ी देर में
अपना दूध पिलाया होगा,
मेरे गीले बिस्तर पर
खुद सोकर,
मुझको सूखे में सुलाया होगा,
लाख परेशानियां दी हों मैंने तुमको,
मगर
तुमने मुझे
हर संभव सुख का ही #स्पर्श कराया होगा.…!!!
मेरे बड़े होते-होते
तुमने कितनी यातनाएं सहन की होंगी
मेरी गलतियों पे कितनी बार
डाँट तुमको पड़ी होगी,
मगर
तुम सब कुछ सह लेती होगी,
और वक्त मिलते ही
मुझे गोद में उठा
चूमती हुयी थपकियाँ देती होगी
और मैं
होठों और हाँथों का दुनिया का सबसे स्वार्थ रहित
और ममता निहित #स्पर्श पाकर
चैन से सो जाता होऊंगा….!!!!
माँ, आज हम साथ नहीँ हैँ
मैं जानता हूँ
कि
तुम भी खुश नहीँ हो,
मैं फिर से तेरे पास आना चाहता हूँ
बच्चा बन तेरी गोद में खेलना चाहता हूँ
तेरे कोमल हाँथों के #स्पर्श की थपकियां
तेरी पुचकारती और दुलारती आँखों का #स्पर्श चाहता हूँ
स्वार्थ रहित,
हर सुख से परिपूर्ण ,
तेरे बलिदान निहित #स्पर्श की गोद में सो जाना चाहता हूँ,
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