देवों के देव महादेव

 



वो ज्ञान है, अज्ञान है

वही जड़-चेतन, महापुराण है,


वो राग है, वो गान है

वो स्वरमयी भगवान है,


वो काल है, विकराल है

शितिकण्ठ वो, वही महाकाल है,


वो सूक्ष्म है, विशाल है

वही आज, वही अनंतकाल है,


जीवन भी वो, है मृत्यु भी

वही अनन्त है, सर्वज्ञ भी,


भय भी वो, अभय भी वो

है विश्वेश्वर, यज्ञमय भी वो,


वो अस्त्र है, वही शस्त्र है

वही स्वरमयी, परशुहस्त है,


वो सक्त है, आसक्त है

वही त्रिपुरान्तक, पंचवक्त्र है


वो प्राण है,  पाषाण है

वही शाश्वत, स्थाणु है,


जय भी वो, विजय भी वो

है व्योमकेश, मृत्युंजय भी वो,


उत्पत्ति है, अवरोध है

हर शक्ति का वही बोध है,


प्रमाण है, प्रत्यक्ष है

वही वामदेव, विरुपाक्ष है,


वो अंत है, आरम्भ है

वही अपवर्गप्रद, प्रारम्भ है,


वो शूल है, वो पाणी है

वो शामप्रिय, मृगपाणी है,


वो भद्र है, अभद्र है

वही गिरिश्वर वीरभद्र है,


वो श्रष्टि है, वो दृष्टि है

वही भगनेत्रविद, गंगवृष्टि है,


सुघड़ भी वो, अवघड़ भी वो

वही दुर्धुर्ष, व्रषभारूढ़ भी है,


वो शान्त है, वो उग्र है

वही दक्षाध्वरहर,  अव्यग्र है,


वो प्रेम है, वही पाश है

वही शिवाप्रिय सर्व -श्वास है,


शिव भी वो, शंकर भी वो

है दिगंबर, परमेश्वर भी वो,


हर भी वो और हरि भी वो

वही नीललोहित, शशिशेखर भी वो,


शंभू भी वो, महेश्वर भी वो

वही सूक्ष्मतनु, दिगंबर भी वो,,


वही राज है, वही काज है

वही सहस्त्रपाद, एकाधिराज है,


वही शर्व है, वामदेव है

वो देवों का देव है, महादेव है.......!!!!!





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