मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ......!!
 
       कड़ी तपस्या में लीन हो  मैं वो शक्ति पाना चाहता हूँ,  खोल कर तीसरी आँख  सारी दुनिया को  मिटाना चाहता हूँ,  मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.....१   ये धर्म के टण्टे  ये जातियों का घटियापन,  मानसिक मलीनता  और सोच का छिछलापन,  ये सारी की सारी   बुराइयां मिटाना चाहता हूँ  मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.....२   ये सत्ता का मद  ये विरोध का घिनौनापन,  ये ताकत का घमण्ड  और पदवी का विषैलापन,  ये सारी की सारी  दास्ताँ भुलाना चाहता हूँ  मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ....३   ये अमीरों का रवैया  गरीबों का शोषण,  ये भूखी तड़पती गरीबी  और बच्चों का कुपोषण,  ये घटिया दृश्य  मैं बिल्कुल भुलाना चाहता हूं  मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.....४    ये झुठी सी भक्ति  और हिंसा का प्रहार,  ये कुटिल सी संस्क्रति  और विक्षिप्त संस्कार,  ये सारे के सारे  मैं जड़ से मिटाना चाहता हूँ  मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ....५   ये जलती हुयी आत्मायें  और गिद्धों से नुचती हुयी लाशें,  ये भूख से बिलखता बचपन  और नशे में धुत्त बाप की फ़रमाइशें,  मैं इन चीखते मंजरों का  एक अंत पाना चाहता हूँ  मैं महादेव हो जाना चाहता हूँ.......६  ...
 
 
 
 
 
