Pahle ki tarah paraaye ho jate ho
मजार मे बैथ कर सौ कसमेँ भी खा लेते हो,
वादे कर लेते हो,
और भी ना जाने क्या- क्या कर लेते हो,
पर हवा का रुख बदलते ही,
फिर से पहले कि तरह पराये हो जाते हो......
युँ तो वादे कयी तुमने किये,
साथ निभाने कि कसम तुमने खायी,
और जिन्दगी भर साथ निभाने का वाद भी किया,
न जाने फिर ऐसा क्या हुआ,
कि वक्त मेरा बुरा आया,
अउर बदल तुम जाते हो......
सामने कुच और्,
और दुनिया के लिये कुच और हो जाते हो,
जान से जादा चाहा तुमको,
फिर भी ना जाने किसी और के कैसे हो जाते हो,
वादा भी तुम ही करते हो,
और धोखा भी तुम ही दे जाते हो.....
Comments
Post a Comment