आज क्या हो गया तुम्हे
बहुत याद आती है तुम्हारी,
हर वक्त,
हर पल,
हर सुबह,
हर शाम ,
बस याद आती है तुम्हारी.....
याद आता है,
कि कैसे तुम मेरा हाथ पकड्ती थी,
और कैसे मुझे अपने पास खीन्च कर,
हमेशा साथ रहने को कहती थी.....
याद आता है,
कि कैसे तुम मुझे जोर से पकड कर्,
कभी दूर ना जाने को कह्ती थी ,
आज क्या हो गया तुम्हे,
आज तुम ख़ुद ही मुझसे दूर चली गयी,
आज तुम्हे मेरे कोई परवाह नही रह गयी....
आज क्या हो गया तुम्हे,
कल तक तो तुम कह्ती थी कि जी नही पाउगी,
तुम्हारे बिन मर जाउगी ,
और आज तुम ख़ुद ही मुझसे दूर हो गयी.....
याद आता है मुझे कि कैसे तुम्,
मुझे बार बार call करती रह्ती थी ,
और जब मै डाटता था ,
तो कितने प्यार से कहती थी ,
कि तुम किसी लडकी के साथ तो नही हो....
और आज्,
आज क्या हो गया ,
आज कोई परवाह नही तुम्हे मेरी,
कि मै कहाँ हू,
किसके साथ हू.....
मै तो आज भी वही हू,
फिर तुम कैसे बदल गयी ,
कल तक जो मेरे हर पल, हर हाल में साथ थी,
आज क्या हो गया तुम्हे,
आज मुझे छोडकर इतनी दूर कैसे निकल गयी....
मै आज भी वही हु,
जो तुम्हे प्यार करता है,
हर पल तेरी ही राह देखता है,
तुझे चाहता है, और तेरे साथ रहने के सपने देखत है...
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