सूनापन


सूना ये मन्,
सूनी आँखे,
सूना - सूना है,
तेरे बिन ये जीवन सारा.....!!!

आ जाओ तुम्,
अब आ जाओ,
ना यूँ तङपाओ,
ये मन मेरा ......!!!

तुम ही दर्शन ,
तुम ही दर्पण ,
है तुमपे अर्पण ,
ये जीवन मेरा .......!!!!

तुम ही सब हो,
तुम ही शब हो ,
तुमसे जुङा है,
ये सँसार मेरा ....!!!

तुम ही छत हो,
तुम ही आँगन ,
तुमसे बना है,
घर - बार मेरा....!!!!

धूप भी तुम हो,
छाँव भी तुम हो,
तुमसे है आता,
हर मौसम मेरा....!!!!

तुम हो खुशियाँ,
तुम ना हो तो है गम ,
तुमसे ही पाया ,
ये एहसास प्यारा....!!!!

आ जाओ तुम ,
मुझमे समा जाओ,
ना जाना फिर से,
छोङकर साथ मेरा.....!!!!

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