मैं ही ओंकार हूँ......!!
 
    मैं शूर हूँ मैं वीर हूँ  मैं साहसों का धीर हूँ  मैं वक़्त की पुकार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ............१   मैं सत्य से डिगूँ नहीँ  वैरी को भी छलूँ नहीँ,  हर युद्ध का मैं सार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ.............२   मैं द्वन्द में विजयी हूँ  हर पाश में अजेय हूँ  मैं शक्ति का आकार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ............३   मैं आग से जलूँ नहीँ  मैं शस्त्र से कटू नहीँ  हर विघ्न का अंधकार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ...........४   कोई मोह-पाश है नहीँ  कोई द्वेष-भाव है नहीँ  मैं ऊर्जा का संचार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ...........५   कोई भय मुझे लगे नहीँ  कोई क्षय मुझे छुये नहीँ  मैं विकार का विकार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ............६   मैं पाप पर नकेल हूँ  निष्पाप का मैं खेल हूँ  मैं सिंह की दहाड़ हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ............७   मैं पापियों का नाश हूँ  हर पुण्य की मैं आस हूँ  मैं श्रष्टि का संहार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ............८   मैं राग हूँ - विराग हूँ  दहकती एक आग हूँ  मैं खुद में सर्वकार हूँ  हां... मैं ओंकार हूँ.............९   मैं ज्ञान हूँ विज्ञान हूँ  मैं वेद और पुराण...
 
 
 
 
 
